How does one become a politician in India? What are good ways to enter Indian politics? What are the qualities required to become a politician?

  नेता कैसे बनें 

( Neta Kaise bane )

एक बड़ा सवाल जो हर उस युवा को परेशान करता है जो राजनीति में काम कर रहा हो या फिर आना चाहता हो कि हम राजनीति में कौन से मुद्दे उठायें जिससे हमें एक पहचान मिल सके और हम जनता के बीच लोकप्रिय हो सकें. दोस्तों राजनीति में जब भी मुद्दों की बात आती है तो हमारा ध्यान बड़े मुद्दों पर जाता है जैसे बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार पर जरा सोच के देखो कि यदि ये मुद्दे इतने ही असरदार होते तो भाजपा लगातार राज्यों के चुनाव कैसे जीत पाती क्यूंकि आपने देखा होगा कि विपक्षी पार्टियाँ और कई मीडिया चैनल लगातार इस मुद्दे पर भाजपा को घेरते रहे, फिर ऐसा क्या हुआ कि जनता ने बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे को नकारते हुए भाजपा को चुनाव जीता दिया. ये केस स्टडी काफी दिलचस्प भी है और आपके काम की भी है क्यूंकि एक सफल राजनेता के रूप में आप तभी स्थापित हो पाएंगे जब आपकी मुद्दों को लेकर समझ पूरी तरह विकसित हो, वरना आप मुद्दे भी उठाते रहेंगे, उसपर मेहनत भी करते रहेंगे पर उसका लाभ आपको नहीं मिल पाएगा तो अब बड़े ध्यान से समझना कि राजनीतिक पार्टियाँ मुद्दे कैसे उठाती है और आप इस रणनीति का अपने लिए कैसे इस्तेमाल कर सकते हो:-

politics with pankaj


How to become a politician

दोस्तों पहली केस स्टडी लेते हैं किसान आंदोलन की. आप सभी जानते हैं कि किसान आंदोलन के दौरान एक समय ऐसा लगने लगा था कि भाजपा के खिलाफ एक लहर बन गयी है और यूपी में भाजपा की हार तय है और जब किसान आंदोलन को लीड करने वाले लोगों ने मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो कई जानकार ये मानने लगे कि भाजपा को इसबार किसान वोटों का भारी नुकसान होगा पर नतीजा क्या हुआ, इन किसान नेताओं को इतनी बुरी हार मिली कि कई जगहों पर वे अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए, मतलब साफ़ है कि जिन मुद्दों को टीवी और सोशल मीडिया पर देखकर आप बड़ा मान बैठे हो वे मुद्दे जनता के लिए भी बड़े हों ये जरुरी नहीं है, अगर होते तो भाजपा को यूपी में इतनी बड़ी जीत कैसे मिलती, इसलिए आपको अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के लिए या चुनाव लड़ने के लिए जब भी मुद्दों का चयन करना हो तो इसका आधार कभी भी मीडिया या सोशल मीडिया को मत बनाओ क्यूंकि ये जरुरी नहीं है कि यहाँ जो दिखाया जा रहा है वो सच ही हो. अब आइए कुछ और केस स्टडी के साथ इस पुरे समीकरण को गहराई से समझते हैं 

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How can I become a politician in India when I don't have any family background in politics?

दोस्तों कई लोगों को ये लगता है कि अरविंद केजरीवाल इतने बड़े राजनेता इसलिए बने क्यूंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ रामलीला मैदान में एक जोरदार आंदोलन किया था, हाँ ये जरुर माना जा सकता है कि उस आंदोलन से केजरीवाल को एक बड़ी राजनीतिक पहचान मिली पर क्या उनकी चुनावी सफलता के पीछे इस आंदोलन की कोई भूमिका है, नहीं बिलकुल भी नहीं और इसे समझने के लिए आपको 2013 के साल में जाना होगा. उस वक़्त सारी पार्टियाँ दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए फ्लाईओवर और मेट्रो जैसे मुद्दों पर बात कर रही थी पर अरविंद केजरीवाल सिर्फ बिजली बिल पर बात कर रहे थे क्यूंकि उस वक्त बिजली का बिल इतना बढ़ चूका था कि वो आम आदमी के लिए एक बोझ बन गया था और जनता के इसी नब्ज़ को केजरीवाल ने भलीभांति समझा और इतना ही नहीं बिजली बिल न दे पाने के कारण जिन लोगों का बिजली कनेक्शन काट दिया जाता था उनके लिए आम आदमी पार्टी सरकार से भी लड़ रही थी, लोगों को ऐसा लगने लगा था कि कोई तो है जो उनके असली दुखदर्द को समझ रहा है और फिर चुनाव का परिणाम क्या आया, किस मुद्दे ने ज्यादा असर दिखाया, ये आपसब को पता है.

What are good ways to enter Indian politics?

ठीक इसी तरीके से 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जब आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बन गया और सभी पार्टियाँ अपनी हर सभा में इस मुद्दे पर बात करने लगी तो प्रशांत किशोर जो उस वक्त नीतीश कुमार के चुनावी सलाहकार थे, उन्होंने नीतीश कुमार को ये सलाह दी कि वे अपनी सभा में आरक्षण पर नहीं बल्कि नालियों पर बात करें क्यूंकि प्रशांत किशोर ने अपने सर्वे से ये पता लगाया था कि जनता के लिए अभी नाली बड़ा मुद्दा है और यदि इस मुद्दे को कैपिटलाइज़ कर लिया गया तो एक बड़ा वोटबैंक उनके हिस्से में आ सकता है दोस्तों ये चीजें दिलचस्प तो हैं ही पर चौकाने वाली भी हैं और मैंने इन केस स्टडी को आपके सामने इसलिए रखा ताकि आप यह समझ सकें कि राजनीति में जो चीजें आपको दिखाई देती हैं वे जरुरी नहीं की सच भी हों, यदि सारे मीडिया चैनल बेरोज़गारी और महंगाई पर बातें कर रहे हैं तो ये जरुरी नहीं कि जनता के लिए भी ये उतना ही बड़ा मुद्दा हो, तो यदि आप मजबूत राजनेता बनना चाहते हो तो जनता की नब्ज़ पकड़नी होगी और ये अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है अब इस चुनौती का समाधान क्या हो सकता है आइए इसपर चर्चा करते हैं

How do you become a politician

राजनीति में खुद के लिए मुद्दों का चयन करते समय दो बातों का ध्यान रखें, पहला कि वे मुद्दे बड़ी संख्या में जनता को प्रभावित करते हों और दूसरा कि उस मुद्दे पर काम करने का स्कोप हो, उदाहरण के लिए यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके क्षेत्र के लोगों के पास राशनकार्ड का न होना एक बड़ी समस्या है तो पहले यह सुनिश्चित करें कि क्या यह एक ऐसी समस्या है जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं और क्या वहां ऐसा कोई स्कोप है कि अगले एक से दो वर्षों तक इस मुद्दे पर काम किया जा सकता है और सबसे अहम् बात कि जब भी किसी मुद्दे को उठायें तो उस मुद्दे के साथ तबतक खड़े रहें जबतक कि आप उसका समाधान जनता को न दे दें. कभी भी बार-बार मुद्दों को बदलते रहने की गलती न करें क्यूंकि राजनीति के लिए यह सबसे घातक स्थिति होती है और इस तरीके से आप जनता का विश्वास कभी नहीं जीत पाएंगे. इसलिए जब भी किसी मुद्दे को उठायें तो पहले उसके समाधान का ब्लूप्रिंट तैयार कर लें और लगातार उसी पर चर्चा करते रहें चाहे यह चर्चा जनता के बीच जाकर हो या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से हो, पर चर्चा हमेशा चलती रहे

How can i become a politician

अब बड़ा सवाल कि ये मुद्दे चुनें कैसे, कैसे समझें कि हमारे क्षेत्र के लिए कौन सा मुद्दा ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, यह जानने के लिए आपको एक सर्वे करना होगा और इसके लिए किसी टीम की जरुरत नहीं है, ये काम खुद भी आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं. करना सिर्फ इतना है कि आप जिस भी सामाजिक कार्यक्रम में जा रहे हों जैसे शादी, पार्टी, वहाँ आपको लोगों से बात करनी है और उनसे पूछना है कि आपके लिए अभी बड़ा मुद्दा क्या है. इस विषय पर उनका जो भी जवाब मिले उसे एक डायरी में नोट करते जाएँ और ये ध्यान रखें कि आप जिस भी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं उसके कुल वोटर के आधे प्रतिशत लोगों से आपको यह सवाल पूछना है, मान लो कि उस विधानसभा में 2 लाख वोटर हैं तो आपको यह सवाल कम से कम 1000 लोगों से पूछना है, इसलिए यह मान कर चलो कि इस काम में आपको 3 से 6 महीने का समय लग सकता है पर इसके बाद आपके पास वह मुद्दा स्पष्ट रूप से आ जाएगा जिसके बारे में ज्यादा लोग बातें करते हैं और जिससे अधिकांश जनता प्रभावित है.

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दोस्तों राजनीति में आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे आपके पास संसाधन भी बढ़ते जाते हैं और आपकी टीम भी बढती जाती है पर राजनीति के शुरुवाती दौर सबकुछ आपको खुद ही करना पड़ता है इसलिए यदि आप राजनीति में आयें हैं या आना चाहते हैं तो मेहनत करने के लिए तैयार रहें और यह मानकर चलें कि राजनीति में अपनी एक बड़ी पहचान बनाने के लिए आपको कम से कम 10 वर्षों का समय देना होगा.                       

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